Social Problems MSW ( 2nd Sem ) 2nd Paper

 सामाजिक समस्या - 
 सामाजिक समस्याएं वह होती है जो
1. व्यक्ति के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है
2. व्यक्ति की महत्वपूर्ण आकांक्षा की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न करती है
3. ऐसी स्थिति जो व्यक्ति और समाज के विकास में बाधक है
4. व्यक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति में बाधा उत्पन्न करती है

भारत की सामाजिक समस्याएं
1. बेरोजगारी
2. अशिक्षा
3. गरीबी
4. स्वास्थ
5. भ्रष्टाचार 
6. बाल मजदूरी, बाल विवाह
7. दहेज प्रथा
8. प्रदूषण

बाल श्रमिक समस्या
बाल श्रम होने वाली प्रमुख समस्याएं
1. बाल श्रमिकों का शोषण होता है
2. खतरनाक तथा कठिन कार्यों का जोखिम
3. अधिक कार्य कम वेतन
4. बचपन का खो जाना
5. शिक्षा से दूरी
6. मानसिक और शारीरिक विकास में कमी

किसानों की समस्या 
1. फसल का सही मूल्य ना मिलना
2. अच्छे बीच अनुपलब्ध होना
3. सिंचाई की अच्छी व्यवस्था ना होना
4. मिट्टी का क्षरण
5. भंडार क्षेत्र की कमी
6. मशीनीकरण का अभाव
7. परिवहन 
8. शिक्षा का अभाव
9. पूंजी की कमी
10. कर्ज़
11. प्राकृतिक आपदा अर्थात मौसम में बदलाव

बाल अपराध 
वयस्क होने की उम्र से कम आयु के बच्चों द्वारा किए गए ऐसे कार्य या व्यवहार जो उन बच्चों के स्वयं के लिए एवं समाज एवं समाज कल्याण के लिए हानिकारक होते हैं बाल अपराध कहलाते हैं

बाल अपराध के कारण
बाल अपराध होने के निम्नलिखित कारण है
1. शारीरिक विकार - किसी भी प्रकार का रोग , 
2. मानसिक विकार - 
3. परिवार की परिस्थिति
4. आर्थिक स्थिति कमजोर होना
5. घर के बाहर का माहौल
6. नशा
7. गलत साथी
8. खाली समय
9. बेरोजगारी
10. शिक्षा का अभाव
11. सिनेमा का प्रभाव

पर्यावरण का अर्थ - 
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परी + आवरण परी का अर्थ है चारों ओर से तथा आवरण का अर्थ ढका हुआ अतः पर्यावरण का अर्थ है मानव को चारों ओर से ढका हुआ। 
मनुष्य के बाहर की वह सब दशाएं जिनका संबंध मानव और उनके जीवन से होता है

समाज पर पर्यावरण का प्रभाव
स्वच्छ पर्यावरण समाज के लिए अति आवश्यक है लेकिन जनसंख्या वृद्धि, औद्योगिकरण , नगरीकरण, बढ़ती हुई मानव की आवश्यकता, तथा वनों की कटाई के कारण पर्यावरण प्रदूषित हो गया है जिसका समाज पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है
पर्यावरण प्रदूषण के कारण समाज पर पड़ने वाला प्रभाव निम्नलिखित है
1. वायु प्रदूषण
2. जल प्रदूषण
3. खाद्य प्रदूषण
4. रेडियोधर्मी प्रदूषण
5. ध्वनि प्रदूषण


मृदा प्रदूषण -
भूमि के भौतिक और रासायनिक गुणों में होने वाले ऐसे परिवर्तन जिनके कारण भूमि की प्राकृतिक गुणवत्ता तथा उपयोगिता नष्ट हो जाती है या कम हो जाती है मृदा प्रदूषण कहलाता है
मृदा प्रदूषण होने के कारण
1. औद्योगिक अपशिष्ट
2. घरेलू अपशिष्ट
3. प्रदूषित जल से सिंचाई करना
4. फसलों में रासायनिक उर्वरक या खाद का उपयोग
5. कीटनाशक का उपयोग


ध्वनि प्रदूषण
कोई भी ध्वनि जब मानसिक क्रियाओं में बाधा उत्पन्न करने लगती है तब उसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं
ध्वनि प्रदूषण होने के कारण
1. प्राकृतिक स्त्रोत - तूफान ,भूकंप ,बरसात, ज्वालामुखी आदि की ध्वनि
2. मानव निर्मित स्त्रोत - मानव निर्मित ध्वनि के स्त्रोत निम्नलिखित है
1. औद्योगिक ध्वनि
2. यातायात
3. घरेलू और शहरी ध्वनि - लाउडस्पीकर , अधिक भीड़भाड़


ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभाव या परिणाम
1. बहरापन
2. चिड़चिड़ापन
3. सर दर्द
4. अनिद्रा
5. रक्तचाप तथा हृदय रोग
6. मानसिक तनाव
7. वार्तालाप में बाधक
8. मानव के आचरण में बदलाव


विस्थापन 
किसी क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति जब किसी कारणवश अपने निवास स्थान को छोड़कर किसी अन्य क्षेत्र में रहने चले जाते हैं उसे विस्थापन कहते हैं
विस्थापन के निम्न कारण है
बाढ़ सूखा भूकंप भूस्खलन चक्रवात तथा महामारी आदि

पुनर्वास
विस्थापित लोगों को पुनः अपने स्थान पर स्थापित करना पुनर्वास कहलाता है
पुनर्वास की समस्याएं
1. मूल आवास व्यवसाय तथा भौतिक संपत्ति पूर्णता नष्ट हो जाती है उनका पुनः स्थापन करना पड़ता है जोकि बहुत कठिन होता है
2. सरकार द्वारा सिर्फ भूमि दी जाती है व्यवसाय तथा रोजी-रोटी के लिए इन्हें अधिक मेहनत करनी पड़ती है
3. सरकार द्वारा दिया जाने वाला धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है और इन्हें कुछ फायदा नहीं होता


आपदा प्रबंधन
किसी भी प्रकार की आपदा से बचने का प्रबंध करना आपदा प्रबंध कहलाता है। आपदा प्राकृतिक भी हो सकती है और मानव जनित भी हो सकती है। किसी भी प्रकार के खतरे से बचने के लिए ऐसे उपाय किए जाते हैं जिससे कि वह खतरा आपदा का रूप ना ले सके। प्राकृतिक खतरों को रोका नहीं जा सकता किंतु कुछ ऐसे उपाय किए जा सकते हैं जिनके द्वारा उन खतरों से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
आपदा प्रबंध के लिए कई प्रकार की तैयारियां आपातकालीन स्थिति आदि कार्य किये जाते हैं। 
आपदा प्रबंध की तीन अवस्थाएं होती है
1. आपदा से पहले - आपदा संभावित क्षेत्रों में आपदा आने से पहले कई प्रकार की तैयारियां करनी चाहिए जैसे कि लोगों को इसके बारे में जानकारी देना, योजना तैयार करना बचाओ उपाय तैयार रखना आदि
2. आपदा के समय - युद्ध स्तर पर बचाव कार्य प्रारंभ करना ,आपदा ग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को निकालना, रहने के लिए आवास का निर्माण करना, भोजन कपड़ा पानी आदि उपलब्ध कराना,
3. आपदा के पश्चात - लोगों का पुनर्वास करना तथा भविष्य के लिए लोगों को तैयार करना
आपदाएं कई प्रकार की होती है
मानव जनित आपदाएं जोकि मानव की गलतियों के कारण उत्पन्न होती है जैसे गलत रासायनिक क्रियाओं के द्वारा बीमारियों का फैलना
प्राकृतिक आपदाएं निम्न प्रकार की होती है
1. बाढ़
2. भूकंप
3. चक्रवात - हवा के विशाल घूमते हुए घेरे
4. भूस्खलन
5. सूखा
6. अकाल













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