यह तलवार जिसके पास भी होती
है उसे कोई भी हरा नहीं सकता , पूरी दुनिया को जितने की ताकत है इस तलवार में , लेकिन इसकी शक्तियों का हर कोई कोई उपयोग नहीं
कर सकता क्युकी इस तलवार को उठाने से पहले मन में एक मन्त्र बोलना पड़ता है तब ही
इस तलवार की शक्तिया सक्रिय होती है अन्यथा यह एक साधारण तलवार के समान ही कार्य
करती है ,
महान नगर के राजा अर्जुन के
पास यह तलवार होती है और सिर्फ उसे ही इसका मन्त्र पता होता है अर्जुन को यह तलवार
और मन्त्र उनके पिताजी ने दिया था जो अब इस दुनिया में नहीं है अर्जुन एक अच्छा और
सच्चा राजा है जो सबकी भलाई करता है ,
यह बात सबको पता होती है की
यह तलवार बहुत शक्तिशाली है लेकिन यह तलवार जिस मन्त्र के द्वारा कार्य करती है वह
सिर्फ राजा अर्जुन को ही पता होता है
महान नगर बहुत ही सुन्दर
राज्य है जहा पर सोना चांदी और हीरे की खदाने भी है इसी लिए आस पास के कई राजा
महान नगर पर हमला करते है लेकिन अर्जुन उस तलवार की शक्ति से सबको हरा देता है
अर्जुन का चचेरा भाई मोहित जो
बहुत ही लालची होता है और हमेसा महान नगर का राजा बनने की सोचता रहता है लेकिन वो
कुछ कर नहीं पाता है,
एक दिन वह पास के राज्य में राजा रंजित के पास
जाता है और वहा के राजा से बोलता है की में राजा अर्जुन की जादुई तलवार को छुपा
दूंगा फिर तुम महान नगर पर आक्रमण कर देना जब राजा अर्जुन के पास वह तलवार नहीं
होगी तो तुम आसानी से उसे हरा देना और मुझे महान नगर का राजा बना देना उसके बदले
में तुम्हे वहा से बहुत सारा सोना चांदी दूंगा ,
राजा
रंजित मोहित की बात मान लेता है और दो दिन बाद जब राजा अर्जुन रात में सोता है तब
मोहित वह जादुई तलवार को चुरा कर छुपा देता है और यह खबर राजा रंजित तक पंहुचा
देता है फिर सुबह राजा रंजित महान नगर पर आक्रमण कर देता है क्युकी राजा अर्जुन के
पास वह तलवार नहीं होती है इसलिए वह हार जाता है और राजा रंजित, राजा अर्जुन को
बंधी बना लेता है
फिर मोहित राजा रंजित से
बोलता है मेने अपना वादा पूरा किया है अब तुम मुझे यहाँ का राजा बना दो लेकिन राजा
रंजित ऐसा करने से मना कर देता है और मोहित से बोलता है के तुमारे जेसा बेवकूफ
इन्सान मेने नहीं देखा जो खुद अपने घर वालो अपने परिवार वालो को धोका देता है और
दुसरे बाहर के लोगो पर विस्वास करता है
जब तुम अपने परिवार वालो को
धोका दे सकते हो तब तो तुम मेरे कुछ लगते भी नहीं हो तो में तम्हे धोका क्यों नहीं
दे सकता ऐसा बोलकर राजा रंजित अपने सेनिको को बोलकर मोहित को बंधी बनाने को बोलता
है ,
लेकिन उसी समय मोहित को
अपनी गलती का अहसास होता है और वह उन सेनिको को धक्का देकर गिरा देता है और वह
जादुई तलवार जो अभी भी मोहित के पास है उसे राजा अर्जुन के पास फेक देता है फिर राजा
अर्जुन जल्दी से मन्त्र पड़कर उस तलवार को उठा लेता है,
और फिर राजा अर्जुन उस
तलवार की शक्ति से राजा रंजित और उसकी सेना को हरा देता है और राजा रंजित को बंधी
बना लेता है और राजा अर्जुन वापस महान नगर का राजा बन जाता है ,
अब मोहित को उसके द्वारा
किये गए कार्य पर पछतावा होता है और वह राजा अर्जुन से माफ़ी मांगता है और बोलता है
के में दोबारा राजा बनने की कभी नहीं सोचूंगा और कभी लालच नहीं करूँगा क्रपया मुझे
माफ़ कर दीजिये
राजा अर्जुन मोहित को माफ़
कर देता है और सभी ख़ुशी से मिलकर रहने लगते है
Nice story
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