शहर के सबसे बड़े गुंडे की यददास चली गयी , फिर उसे एक व्यापारी ने परेसान किया
शहर का सबसे बड़ा गुंडा
रोक्की जिसके नाम से ही सब डरते थे , एक दिन रोक्की किसी काम से दुसरे शहर जा रहा
होता है , रोक्की अपने निजी कम के लिए जा
रहा होता है इसलिए वो अपना रूप बदलकर एक साधारण व्यक्ति की तरह जाता है और अपने
साथ किसी को भी नहीं लेकर जाता है ,
लेकिन राश्ते में उसकी गाड़ी
के सामने कोई जंगली जानवर आ जाता है जिस कारन उसकी गाड़ी एक नदी में जाकर गिर जाती
है
वही पास में एक गरीब व्यक्ति राजू लकड़ी काट रहा होता है वो रोक्की को देख लेता है और उसकी जान बचाता है राजू रोक्की से पूछता है के तुम कोन हो और कहा से आये हो तब रोक्की उसे कुछ नहीं बताता है और बेहोस हो जाता है
रोक्की को ज्यादा चोट नहीं आती इसीलिए राजू रोक्की
को अपने घर लेकर चला जाता है
राजू रोक्की को आराम करने
देता है फिर थोड़ी देर बाद जब रोक्की उठता है तब राजू उस से पूछता है के तुम कोन हो तब रोक्की बोलता
है के मुझे कुछ याद नहीं
राजू समझ जाता है की शायद अंदरूनी चोट लगने के कारन इसकी याददास चली गयी है फिर राजू रोक्की को अपने गाव के
चिक्कित्सक के पास लेकर जाता है क्योकि वह गाव बहुत छोटा होता है इसलिए वहा डोक्टर
नहीं होते है इसीलिए वहा का चिक्कित्सक राजू को बोलता है की थोड़े दिन इसको आराम करने दो कुछ दिनों में इसकी यददास वापस आ जाएगी ,
फिर राजू रोक्की को वापस
अपने घर लेकर आ जाता है और जब तक वह ठीक नहीं हो जाता तब तक उसे अपने साथ ही रखता
है
दो दिन बाद राजू के गाव में
एक व्यापारी राकेश आता है और उस गाव में
एक फेक्टरी लगाने की सोचता है और फिर वह गाव में बहुत सारी जमीन खरीदता है वह राजू का
खेत भी खरीदने की बोलता है लेकिन राजू उसे अपना खेत बेचने से मना कर देता है तो राकेश को गुस्सा आ जाता है और वह राजू को धमकी देता है की अगर उसने खेत नहीं
बेचा तो उसके साथ अच्छा नहीं होगा ,
लेकिन राजू उसे खेत बेचने से मन कर देता है जिससे गुस्सा होकर राकेश अपने साथियों को बोलकर राजू के साथ मारपीट करता है राजू को बचाने के लिए रोक्की आता है तो राकेश के साथी रोक्की के साथ भी मारपीट करने लगते है जिस से रोक्की के सर में चोट लगती है और रोक्की की याददास वापस आ जाती है,
लेकिन वह घायल हो जाता है इसीलिए वह कुछ बोल नहीं पाता है राकेश वहा से जाने लगता है और जाते हुवे राजू और रोक्की को धमकी देता है और बोलता है के में कल वापस आऊंगा अगर तुमने खेत नहीं बेचा तो कल तुम दोनों जीवित नहीं रहोगे और फिर राकेश वहा से चला जाता है ,
रोक्की को कुछ भी समझ नहीं आता के आखिर यहाँ हो क्या रहा है और वो यहाँ केसे आया है फिर राजू उसे पूरी बात बताता है की केसे उसके साथ दुर्घटना हुई और उसने उसकी जान बचाई और फिर उसकी याददास चली गई थी और राकेश उसके साथ मारपीट क्यों कर रहा था ,
रोक्की सारी बाते सुनने के बाद सब कुछ समझ जाता है और राजू को बोलता है के तुमको डरने की कोई जरुरत नहीं है आने दो राकेश को में समझा दूंगा उसे राजू बोलता है के आखिर तुम हो कोन और राकेश को केसे रोकोगे, लेकिन रोक्की राजू को बोलता है के तुम्हे कल ही पता चल जायेगा के में कोन हु ,
फिर अगले दिन राकेश अपने साथियों के साथ राजू के घर आता है और उसे खेत के कागज पर दस्तखत करने को कहता है राजू मना कर देता हे तो राकेश उसे मारने वाला होता तभी उसे एक फोन आता है,
और फिर राकेश राजू के सामने साथ जोड़कर उस से माफ़ी मांगने लग जाता है और बोलता है के क्रपया मुझे माफ़ कर दो तुम जो बोलोगे में वही करूँगा अगर तुम बोलोगे तो में ये गाव छोड़ कर चला जाऊंगा ,
राजू को कुछ समझ नहीं
आता के ये क्या और केसे हो रहा है फिर राजू राकेश को बोलता है की गाव के सारे खेत
गाव वालो को वापस दे दो और यहाँ से चले जाओ राकेस एसा ही करता है और वहा से चला जाता है
,
राजू को कुछ भी समझ नहीं आता के एसा केसे हुवा फिर रोक्की उसे बताता है की में रोक्की एक बहुत बड़ा गुंडा हु और मेने अपने साथियों को फोन करके राकेश को समझाने को बोला था और मेरे साथियों ने राकेश को फोन करके उसे बोला के राजू रोक्की का दोस्त है,
और अगर वो अपनी और अपने
परिवार की भलाई चाहता है तो वो राजू को बिना कुछ बताये राजू से माफ़ी मांग कर वहा से चला जाये और राकेश एसा
ही करता है ,
फिर राजू रोक्की से बोलता
है की वो भी बुराई का रास्ता छोड़ दे और सबकी भलाई करने में अपनी ताकत का उपयोग करे
,
क्योकि राजू ने रोक्की की जान बचाई थी रोक्की को नयी जिन्दगी दी थी इसलिए वो उसकी बात मान लेता है और फिर वह
लोगो की भलाई के कम करने लगता है .
इसी के साथ हमारी कहानी की
हैप्पी एंडिंग हो जाती है