अपना रूप रंग सजाऊ
मेहंदी
हाथों में लगवाऊ
पायल
कंगन भी मंगवाऊ
फिर
नीर भरन में जाऊ..
पायल कंगन भी मंगवाऊ
फिर
नीर भरन में जाऊ
घूंघट
कांडा सा
काढू
ना कसर खालूंगी
52 गज
का दामन पेहर मटक चलूंगी..
52 गज
का दामन पेहर मटक चलूंगी..
गावं में होवेगा आज
खुड़का जूती मड़कन आली पेहरू
छिड़ेगी
बहुवा में टकरार जब में हवा की तरियां लेहरू
सोने
की गुठी गले में हार डालूंगी
52 गज
का दामन पेहर मटक चलूंगी..
52 गज
का दामन पेहर मटक चलूंगी..
झुमके कान्या के नए
ल्याने
मोटा
पेहरना से कोका
टिक्का
लाल रंग का ल्याने
देना
तगड़ी ते मोक्का
मेरी चोटी न्यू बोले
दुंगे गेल हालूंगी
52 गज
का दामन पेहर मटक चालूंगी..
52 गज
का दामन पहर मटक चालूंगी..
मेरा बलम कमावे चोखे
लाने
चूंदर में सित्तारे
मुकेश
जाजी तेरी कलमिया लिखे गीत प्यारे
होंठो
पे लाली आँख्यां काजल गालुंगी
52 गज
का दामन मटक चालूंगी..
52 गज
का दामन मटक चालूंगी..